मध्य प्रदेश सरकार ने आंखों के इलाज को गांव-गांव तक पहुंचाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के जिला अस्पतालों में कॉर्निया ट्रांसप्लांट (आंख के पारदर्शी हिस्से का प्रत्यारोपण) किया जाएगा। योजना की शुरुआत इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों से की जा रही है।
इस सुविधा के लिए डॉक्टरों और तकनीशियनों को 1 जुलाई से इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। डॉक्टरों को एक महीने और तकनीकी स्टाफ को 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की विशेषज्ञ टीम द्वारा दी जाएगी, जहां हर साल लगभग 100 सफल कॉर्निया ट्रांसप्लांट किए जाते हैं।
राज्य के अधिकतर जिला अस्पतालों में पहले से ही ऑपरेशन थिएटर, माइक्रोस्कोप और अन्य जरूरी उपकरण मौजूद हैं, जिससे यह सुविधा बिना बड़ी मुश्किल के शुरू की जा सकेगी।
किन जिलों में पहले मिलेगी सुविधा:
- इंदौर संभाग: आलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, धार, इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन
- उज्जैन संभाग: देवास, आगर-मालवा, शाजापुर, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, नीमच
एमवाय अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की एचओडी डॉ. प्रीति रावत ने बताया कि इस पहल से उन मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी, जो दूरी या आर्थिक स्थिति के कारण बड़े अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाते। वहीं, नेत्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे और ज्यादा लोगों को फिर से देखने की रोशनी मिल सकेगी।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि ट्रेनिंग पूरी होने के तीन महीने के भीतर इन जिलों में प्रत्यारोपण केंद्र शुरू हो जाएंगे। यह योजना स्वास्थ्य विभाग और राज्य शासन के संयुक्त प्रयास से लागू की जा रही है।
