इंदौर। एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक पद्मश्री डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इंदौर में आयोजित अभ्यास मंडल की 64वीं ग्रीष्मकालीन व्याख्यान माला के समापन अवसर पर कहा कि यदि हम स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो जीवनशैली में बदलाव अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि रोज सिर्फ 30 मिनट का व्यायाम और 7 से 8 घंटे की नींद हमें कई गंभीर बीमारियों से बचा सकती है।
उन्होंने कहा कि आजकल की अनियमित दिनचर्या और खराब खानपान हमारे स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके हैं। पहले की तुलना में अब बीमारियां अधिक जटिल और गंभीर हो गई हैं, जिनका मुख्य कारण हमारा बदलता रहन-सहन है। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि हम अपनी दिनचर्या में सुधार लाकर लगभग 60% बीमारियों को रोका जा सकता है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि व्यायाम के साथ ही खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ताजे फल, हरी सब्ज़ियाँ और संतुलित आहार हमारी डाइट का हिस्सा होना चाहिए। फास्ट फूड, जंक फूड, और प्रोसेस्ड आइटम हमारे शरीर को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
उन्होंने युवाओं में बढ़ते वेपिंग, ई-सिगरेट और शराब के चलन को भी गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा कि इनसे फेफड़े और संपूर्ण शरीर को भारी नुकसान पहुंचता है। साथ ही, वायु प्रदूषण भी एक बड़ा स्वास्थ्य खतरा है, जिससे सांस संबंधी बीमारियों में बढ़ोतरी हो रही है।
मानसिक तनाव की समस्या पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग नींद और मानसिक शांति से वंचित हो रहे हैं। तनाव से निपटने के लिए जीवनशैली में संतुलन और नियमितता आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदौर संभाग के आयुक्त दीपक सिंह ने की। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक और आर्थिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा। परिवार में संवाद का अभाव मानसिक समस्याओं को बढ़ा रहा है, जिसे दूर करना जरूरी है।
इस अवसर पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कृपा शंकर शुक्ला, अर्चना जायसवाल सहित कई प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए और आयोजकों द्वारा आभार प्रकट किया गया।
