दिल्ली में हाल ही में हुई भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की बैठक में बड़ा खुलासा हुआ है। बैठक में बताया गया कि देशभर में 35 स्थान साइबर क्राइम हॉटस्पॉट बन चुके हैं, जिनमें इंदौर प्रमुख रूप से शामिल है। यहां फर्जी सिम, फर्जी बैंक खातों और डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध तेजी से बढ़े हैं।
गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में बैंकों, साइबर पुलिस, एनआईए और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। चर्चा में यह सामने आया कि इंदौर फर्जी सिम और फर्जी करंट अकाउंट खोलकर साइबर ठगी का मुख्य केंद्र बनता जा रहा है। ठग एक ही व्यक्ति के नाम पर कई सिम निकलवाकर उनका दुरुपयोग कर रहे हैं।
साइबर अपराधी मल्टीपल लेयर ट्रांजैक्शन के जरिए पैसों का लेन-देन करते हैं, जिससे जांच में देरी होती है। कई बार किराए के व्यापार दस्तावेजों से करंट अकाउंट खुलवाकर ठगी की जाती है। झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और दिल्ली की गैंगें इसमें शामिल हैं।
डिजिटल अरेस्ट मामलों में विदेशी नेटवर्क की भी पुष्टि हुई है, जिसमें लाओस और कंबोडिया जैसे देशों से जुड़े बैंक खातों के जरिए पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है। इसके अलावा भोपाल, राजस्थान-यूपी बॉर्डर वाले शहर भी साइबर अपराध की चपेट में हैं।
बैठक में निर्णय लिया गया कि एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो और बैंकों को भी ऐसे खाताधारकों की सख्त जांच करनी होगी।
