‘देवी सुभद्रा योजना’ के नाम से चलेगी लाड़ली बहना योजना, 12 नवंबर को होगी बड़ी घोषणा

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सिवनी में करेंगे औपचारिक ऐलान, अब महिलाओं को हर माह मिलेंगे ₹1500

मध्यप्रदेश सरकार लोकप्रिय ‘लाड़ली बहना योजना’ का नाम बदलने जा रही है। अब यह योजना ‘देवी सुभद्रा योजना’ के नाम से लागू होगी। जानकारी के अनुसार, नाम परिवर्तन की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 12 नवंबर को सिवनी में आयोजित कार्यक्रम में इसकी आधिकारिक घोषणा करेंगे।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री लाभार्थी महिलाओं के खातों में बढ़ी हुई राशि भी ट्रांसफर करेंगे। अब तक ₹1250 प्रति माह दी जा रही राशि को बढ़ाकर ₹1500 किया जा रहा है। इस बढ़ोतरी से वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य को लगभग ₹1793 करोड़ 75 लाख रुपये का अतिरिक्त बजट देना होगा, जबकि योजना पर सालाना कुल खर्च करीब ₹20,450 करोड़ 99 लाख रुपये तक पहुंच जाएगा। वर्तमान में प्रदेश की 1.26 करोड़ महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं और अब तक उन्हें ₹44 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सहायता मिल चुकी है।

क्यों रखा गया ‘देवी सुभद्रा’ नाम

सरकार ने बताया कि योजना का नया नाम भगवान श्रीकृष्ण और बलराम की बहन देवी सुभद्रा के सम्मान में रखा जा रहा है। देवी सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था और उनके पुत्र अभिमन्यु महाभारत के वीर योद्धा थे। धार्मिक मान्यताओं में देवी सुभद्रा को योगमाया का स्वरूप माना जाता है।

अन्य योजनाओं के नाम भी बदले जा सकते हैं

मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में शुरू हुई योजनाओं के नामों में बदलाव की प्रक्रिया भी आगे बढ़ा रही है। हाल ही में ‘सीएम राइज स्कूल’ का नाम बदलकर ‘सांदीपनि स्कूल’ किया गया था। अब लाड़ली बहना योजना के नाम परिवर्तन के बाद अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की जाएगी।

महिलाओं के लिए बीमा योजना की भी तैयारी

राज्य सरकार लाभार्थी महिलाओं के लिए एक नई बीमा योजना लाने की तैयारी में है। इस योजना में महिलाओं से नाममात्र का अंशदान लिया जाएगा, बाकी राशि सरकार वहन करेगी। बीमा योजना में स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं को भी शामिल किया जाएगा ताकि महिलाओं को आर्थिक और स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों मिल सकें।

मार्च 2023 में शुरू हुई लाड़ली बहना योजना की शुरुआत ₹1000 मासिक सहायता से हुई थी, जिसे सितंबर 2023 में ₹1250 किया गया। अब इसे बढ़ाकर ₹1500 किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को और अधिक आर्थिक सशक्तिकरण मिल सकेगा।

 

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