भारतीय सेना ने स्वदेशी तकनीक से विकसित तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) नाग Mk 2 का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण राजस्थान के जैसलमेर जिले स्थित पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में 13 जनवरी 2025 को किया गया।नाग Mk 2 मिसाइल फायर-एंड-फॉरगेट तकनीक पर आधारित है, जिसका मतलब है कि एक बार निशाना लगाने के बाद यह मिसाइल अपने लक्ष्य को खुद ही सटीकता से नष्ट कर देती है, और इसके लिए फायर किए जाने के बाद किसी और हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती। इस मिसाइल की अचूक सटीकता और प्रभावशाली क्षमता से भारतीय सेना की ताकत में और वृद्धि हुई है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित यह मिसाइल विशेष रूप से दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन की गई है। इसकी क्षमता दुश्मन के किलेबंदी और मजबूत रक्षा प्रणालियों को चुनौती देने में सक्षम बनाती है, जिससे यह भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक हथियार साबित हो सकती है।नाग Mk 2 की सफलता से भारतीय सेना के शस्त्रागार में एक और महत्वपूर्ण और शक्तिशाली मिसाइल जुड़ गई है, जो युद्ध के मैदान में भारतीय सैन्य बलों को और अधिक प्रभावशाली और मजबूत बनाएगी।