जहरीले कफ सिरप कांड: ‘कोल्ड्रिफ’ के मालिक को परासिया कोर्ट में पेश किया गया

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सारांश

मध्य प्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से 23 बच्चों की मौत के मामले में श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक गोविंदन रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर छिंदवाड़ा के परासिया कोर्ट में पेश किया गया। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने रिमांड की मांग की है, ताकि सिरप के निर्माण और वितरण में अनियमितताओं की जांच की जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच की याचिका खारिज कर दी है।


विस्तृत खबर

कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला

मध्य प्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ’ नामक जहरीले कफ सिरप के कारण 23 बच्चों की मृत्यु के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। इस मामले में दवा कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक गोविंदन रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उन्हें छिंदवाड़ा जिले के परासिया कोर्ट में पेश किया। कोर्ट परिसर के बाहर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। रंगनाथन को चेन्नई से नागपुर हवाई मार्ग से लाया गया और फिर सुबह करीब 7 बजे सशस्त्र पुलिस काफिले के साथ कार से छिंदवाड़ा लाया गया।

पुलिस ने मांगी रिमांड

पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच के लिए रंगनाथन को हिरासत में लेने हेतु कोर्ट से अनुरोध किया गया है। हिरासत में उनसे जहरीले कफ सिरप के निर्माण में हुई गड़बड़ियों और मध्य प्रदेश में इसके बिक्री नेटवर्क के बारे में गहन पूछताछ की जाएगी। जांच दल यह जानना चाहता है कि सिरप बनाने में किन नियमों का उल्लंघन हुआ और इसे बेचने के लिए किन-किन लोगों का सहारा लिया गया।

मृतकों की संख्या पहुंची 23

इस दुखद घटना में मृतकों की संख्या 23 तक पहुंच चुकी है। छिंदवाड़ा में 20 बच्चों की मृत्यु हुई है, जबकि बैतूल में 2 और पांढुर्ना में 1 बच्चे की मौत दर्ज की गई है। गुरुवार को परासिया के मोरडोगरी निवासी एक साल के गर्विक पवार ने नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। प्रशासन ने दो अन्य बच्चों की मृत्यु की खबरों की पुष्टि नहीं की है।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सीबीआई जांच की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में सीबीआई जांच और दवा सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति उज्जल भूयान और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने वकील विशाल तिवारी की याचिका को अस्वीकार करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश और तमिलनाडु ने इस मामले में गंभीर कदम उठाए हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता बिना पूरी जानकारी के कोर्ट का रुख करते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्यों में दवा नियमों को लागू करने की पर्याप्त व्यवस्था पहले से मौजूद है।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

  • मुख्यमंत्री का बयान: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नागपुर में भर्ती बच्चों से मुलाकात की और कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
  • जांच की दिशा: पुलिस इस मामले में सिरप के निर्माण और वितरण से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है।

 

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