मध्य प्रदेश में अंग दान की एक और पहल सामने आई है, जहां सागर के बलिराम पटेल के निधन के बाद उनके अंगों को दो अन्य मरीजों की जान बचाने के लिए दान किया गया। 61 वर्षीय बलिराम को 21 जनवरी को सड़क दुर्घटना में गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
परिजनों ने उनकी इच्छा के अनुसार अंग दान का फैसला लिया, और इसके बाद जबलपुर से दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। पहले ग्रीन कॉरिडोर से बलिराम का दिल एम्स भोपाल भेजा गया, जबकि दूसरे से उनका लिवर एयर एंबुलेंस के जरिए इंदौर के चोइथराम अस्पताल भेजा गया। यह कदम राज्य में अंग दान के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है।
जबलपुर के मेडिकल कॉलेज के संयुक्त संचालक डॉक्टर संजय मिश्रा के अनुसार, यह पहला ग्रीन कॉरिडोर था जिसमें एक अंग भोपाल और दूसरा इंदौर भेजा गया।
इसके साथ ही, एक अन्य खबर में एमआर (मेडिकल रिप्रेंजेटिव) के लिए दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य बीमा के लाभ की मांग की गई है। मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन ने सरकार से उनकी सुरक्षा के लिए एसबीआई की तरह दुर्घटना बीमा लागू करने का अनुरोध किया है।