गौपालक की लापरवाही से गाय की हुई मौत पर उपजा आक्रोश

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प्रकाश लोढ़ा ( रतलाम ) – सैकड़ो गौवंश को दूध दोह कर मरने के लिए खुले छोड़ देने वालों पर कारवाई की मांग

शहर में रोजाना सैकड़ों गौवंश को गौपालक दूध निकाल कर खुले छोड़ देते है। इस लापरवाही के चलते इन जीवों को ऐसा खाने में आता है जो इनके जान की दुश्मन बन जाती है।शहर की जीव मैत्री संस्था ने चिंता जताते हुए पुलिस अधीक्षक के नाम एक ज्ञापन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाका को सौंपा है। जिसमें बताया गया कि मंगलवार को एक गाय के बीमार होने की सूचना मिली थी । जीव मैत्री परिवार ने मालिक की जानकारी निकाल कर बुलवाया गया।लेकिन उसने उसका उपचार करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। तमाम कोशिश के बाद उसे नहीं बचाया जा सका।

कारवाई के लिए पुलिस के पास पहुंचे

इस घटना के बाद गौप्रेमियों में आक्रोश उपजा और उन्होंने लापरवाह गौपालक के खिलाफ कारवाई के लिए पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि गौपालक सुनील गुर्जर गाय का दूध बिक्री करने का काम करता है। जो गाय को दूध निकालने के बाद लापरवाही पूर्वक इधर उधर घूमने देता है। दिन भर विचारण के दौरान गाय ऐसी चीज भी खा जाती है जो उसके स्वास्थ्य के लिए घातक है। अतः सुनील पर जीव हत्या संबंधी आपराधिक प्रकरण दर्ज कर सजा दे ताकि कोई अन्य गौपालक इस तरह अबोल पशुओं को मरने पर विवश न करे। इस मौके पर जीव मैत्री परिवार के सदस्य दीपक कटारिया, प्रकाश लोढ़ा , वैभव व्यास सिद्धार्थ पंड्या , अंशूल पामेचा ,विकास जैन , अंतिम लोढ़ा ,सौरभ अग्रवाल
विजय नवलखा आदि मौजूद रहे।

होगी कारवाई तो हादसे भी रुकेंगे

शहर में करीब 2000 से ज्यादा गौवंश बाजार में विचरण करते रहते है। गौपालक इन गौवंश का दूध निकालकर इन्हें खुला छोड़ देते है। इस कारण शहर में आए दिन दुर्घटना भी होती रहती है। पिछले वर्ष ही इस तरह की दुर्घटनाओं में दो व्यक्तियों की जान चली गई थी। यदि इन लापरवाह गौपालको पर कारवाई होती है तो इस तरह के हादसे भी रुकेंगे।

24 घंटे सेवा में तत्पर है टीम

जीव मैत्री परिवार गौवंश के साथ श्वान व पक्षियो के लिए विगत वर्षी से कार्य करता आ रहा है। इसके 400 सक्रिय सदस्यो का समूह है 1000 से ज्यादा लाभार्थी परिवार से सीधे जुड़ कर जन्मदिन , शुभ प्रसंग या पुण्यतिथी पर
सेवा कार्य कर दिन को यादगार बनाते है।
जीव मैत्री परिवार पूरे वर्ष भर बकरा शाला गौशाला , खेतलपूर गौशाला, सैलाना गौशाला , शीतल तीर्थ गौशाला
व अन्य गौशाला मे नियमित सेवा करता है । इसके अतिरिक्त 6-7 स्थानो पर कबुतरो को दाना पानी की व्यवस्था में भी अग्रणी भूमिका में आता है । यही नहीं कोराना काल से 200 किलो आटे से बनी रोटी श्वान लिए लिए रोजाना बनाई जाती है । यही कारण है कि शहर मे बीमार पशु पक्षी ओर गौवंश की सूचना सबसे पहले जीव मैत्री परिवार को मिलती है और उनकी टीम सूचना मिलने की कुछ ही समय में के लिए उपचार के लिए उपलब्ध भी हो जाते है।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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