मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के भामगढ़ गांव में स्थित 500 साल पुराने ऐतिहासिक मूंछ वाले राम मंदिर में भीषण आग लग गई। आग की चपेट में आकर भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की प्राचीन मूर्तियां खंडित हो गईं। यह मंदिर पूरी तरह लकड़ी का बना हुआ था, जिसे राज परिवार ने बनवाया था। आग की वजह से ग्रामीणों और दमकल विभाग को छह से सात घंटे मशक्कत करनी पड़ी।
घटना का विवरण
शुक्रवार रात करीब 1 बजे पड़ोसी ने मंदिर में आग लगने की सूचना पुजारी सोतेश पांडे को दी। पुजारी और ग्रामीण तत्काल मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोग बाल्टियों और मोटर पंप की मदद से आग बुझाने लगे। दमकल की पांच गाड़ियां आग पर काबू पाने के लिए भेजी गईं।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
भामगढ़ का यह मंदिर निमाड़ क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। इसे लगभग 500 साल पहले राव लखमे सिंह ने बनवाया था। मंदिर में राजा के रूप में भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की संगमरमर की दो-दो मूर्तियां विराजित थीं। मूंछ वाले भगवान राम की अद्वितीय मूर्तियां इस मंदिर की खास पहचान थीं। यहां के पुजारी परिवार की 13वीं पीढ़ी अब तक सेवा दे रही थी।
मूर्ति खंडित होने से शोक
आग की घटना से न केवल मंदिर की प्राचीन मूर्तियां नष्ट हो गईं बल्कि पूरे गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल मंदिर नहीं था, बल्कि गांव की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर थी। परिवार के लोग इसे अपने पूर्वजों की विरासत मानते थे।
मंदिर का पुनर्निर्माण होगा?
इस घटना के बाद ग्रामीण और स्थानीय प्रशासन मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं। साथ ही मूर्तियों को फिर से स्थापित करने के लिए पुरातत्व विशेषज्ञों और कलाकारों की मदद ली जा सकती है।यह दुखद घटना न केवल एक ऐतिहासिक मंदिर की क्षति है बल्कि सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक भावना को गहरा आघात है। इसके पुनर्निर्माण और संरक्षण के लिए सरकार और ग्रामीणों के प्रयास जरूरी हैं।