खंडवा के गुड़ीखेड़ा वनपरिक्षेत्र में शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने पहुंची वन विभाग की टीम पर स्थानीय लोगों ने हिंसक हमला कर दिया। यह कार्रवाई जंगल के करीब 100 हेक्टेयर इलाके से अतिक्रमण हटाने के दौरान की जा रही थी। विरोध इतना उग्र हो गया कि लोगों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से टीम पर हमला कर दिया, जिससे चार पुलिसकर्मी घायल हो गए।
महिलाओं का विरोध और स्थिति का तनावपूर्ण होना
जब वन विभाग की टीम ने भिलाईखेड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की, तो स्थानीय महिलाओं ने इसका विरोध करते हुए रास्ता रोक लिया। महिलाओं ने दावा किया कि यह जमीन राजस्व की है और उनके पास इसके पट्टे मौजूद हैं। अधिकारियों द्वारा समझाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन कुछ ही देर में पथराव शुरू हो गया।
टीम और वाहन को पहुंचा नुकसान
पथराव के दौरान जेसीबी मशीनों के शीशे तोड़ दिए गए और अधिकारी व कर्मचारी को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा। चार पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए गुड़ी उपस्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। एक पुलिसकर्मी की हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया।
अब तक 100 हेक्टेयर से हटाया गया अतिक्रमण
डीएफओ राकेश कुमार डामोर ने बताया कि अब तक करीब 90-100 हेक्टेयर क्षेत्र से अतिक्रमण हटा दिया गया है। हालांकि, बीट नंबर 749 में पथराव के बाद कार्रवाई को फिलहाल रोक दिया गया है। ग्रामीणों द्वारा जमीन के कागजात पेश करने का दावा किया गया है, जिनकी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ड्रोन से निगरानी जारी
वन क्षेत्र में गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह क्षेत्र नाहरमाल, टाकलखेड़ा, कुमठा और आमाखुजरी के जंगलों को कवर करता है, जो गुड़ी रेंज के अंतर्गत आते हैं।
पर्यावरण और कानून की रक्षा के लिए वन विभाग का अभियान
16,000 हेक्टेयर जंगल को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए वन विभाग द्वारा सख्ती दिखाई जा रही है। हालांकि, स्थानीय लोगों के विरोध और हिंसा के कारण इस अभियान को बीच में रोकना पड़ा।
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि कानून और पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्रवाई को दोबारा शुरू किया जाएगा, लेकिन इसे शांतिपूर्ण तरीके से अंजाम देने की कोशिश की जाएगी।
