केंद्र सरकार ने ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के संदर्भ में सख्त दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय को अश्लील, पोर्नोग्राफिक एवं आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार से संबंधित शिकायतें प्राप्त होने के बाद, आईटी नियमों का दोहराव करते हुए इन प्लेटफॉर्म्स से नियमों का सख्ती से पालन करवाने का आदेश दिया गया है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए निर्देश:
आईटी नियम 2021 के भाग-III के अंतर्गत ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ऐसी सामग्री प्रसारित करने से रोक दिया गया है, जो कानून के विरुद्ध हो। साथ ही, नियमों की अनुसूची में वर्णित दिशा-निर्देशों के आधार पर कंटेंट का आयु वर्गीकरण करना अनिवार्य कर दिया गया है। “ए” रेटेड कंटेंट के प्रसारण में विवेक का प्रयोग करने के निर्देश के साथ, स्व-नियामक निकायों से भी अनुरोध किया गया है कि नियमों के उल्लंघन की स्थिति में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।
सोशल मीडिया पर सख्ती:
दूरसंचार विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के यूज़र्स, विशेषकर इंफ्लुएंसरों को आदेश दिया है कि वे CLI स्पूफिंग से संबंधित कंटेंट, जो टेलीकॉम एक्ट 2023 के उल्लंघन में आता है, को 28 फरवरी 2025 तक हटा दें। यह कदम टेलीकॉम अधिनियम के तहत एक अपराध माना जा रहा है, जिसके तहत दोषी व्यक्तियों को तीन साल की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
समग्र उद्देश्य:
सरकार का यह कड़ा रुख OTT एवं सोशल मीडिया के क्षेत्र में कंटेंट की शुद्धता और वैधता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया कदम है। प्रशासन का मानना है कि इन दिशा-निर्देशों के माध्यम से न केवल अप्रमाणिक और अश्लील सामग्री पर रोक लगेगी, बल्कि समाज में सकारात्मक संदेश भी फैलेंगे।
इस पहल से यह उम्मीद जताई जा रही है कि डिजिटल मीडिया के माध्यम से प्रसारित सामग्री में सुधार आएगा और नागरिकों के बीच नैतिक और सामाजिक मूल्यों का संरक्षण सुनिश्चित होगा।
