मध्यप्रदेश में ओंकारेश्वर और सिद्धवरकूट के बीच रोपवे का निर्माण होने जा रहा है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक बड़ी सुविधा साबित होगा। इस रोपवे की खासियत यह होगी कि यह दोनों प्रमुख धार्मिक स्थलों को एक-दूसरे से जोड़ने के साथ ही 35 किलोमीटर की यात्रा को महज कुछ मिनटों में आसान बना देगा।
1. निर्माण की आवश्यकता
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और सिद्धवरकूट जैन धर्मावलंबियों का प्रमुख तीर्थस्थल है, जो नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर स्थित हैं। दोनों स्थानों के बीच दूरी केवल 2 किलोमीटर है, लेकिन नदी पर पुल न होने की वजह से श्रद्धालुओं को करीब 35 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ता है। इस कारण, वे ओंकारेश्वर से सिद्धवरकूट जाने के लिए मोरटक्का और बड़वाह होते हुए, और कभी-कभी नाव का सहारा लेते हुए यात्रा करते हैं। विशेष रूप से बारिश के मौसम में यह यात्रा जोखिमपूर्ण हो जाती है। .
2. रोपवे के फायदे
नई योजना के तहत, ओंकारेश्वर और सिद्धवरकूट के बीच 320 मीटर लंबा और 5.5 मीटर चौड़ा रोपवे पैदल पुल के रूप में बनाए जाने का प्रस्ताव है। यह रोपवे न केवल यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि यह धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। इसके निर्माण से दोनों स्थानों के बीच यात्रा की दूरी कम हो जाएगी और श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, यह सिंहस्थ मेले के दौरान भारी भीड़ को नियंत्रित करने में भी मददगार साबित होगा, जिससे यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
3. योजना की स्थिति
इस परियोजना की अनुमानित लागत 38 करोड़ रुपये है और इसे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पर्वतमाला योजना के तहत मंजूरी दी थी। लोक निर्माण विभाग ने इस परियोजना के लिए प्रशासन से स्वीकृति की मांग की है। जैसे ही प्रशासन से स्वीकृति मिलती है, इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा। यह योजना सिंहस्थ मेले के विकास कार्यों में भी शामिल की गई है, ताकि पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
4. स्थानीय जीवन पर प्रभाव
रोपवे का निर्माण न केवल श्रद्धालुओं के लिए लाभकारी होगा, बल्कि यह स्थानीय ग्रामीणों के लिए भी एक बड़ी सुविधा साबित होगा। ओंकारेश्वर, सिद्धवरकूट, सैलानी और आसपास के क्षेत्रों के लोग इस रोपवे से यात्रा की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे, जो उन्हें दैनिक जीवन की गतिविधियों में मदद करेगा। इसके अलावा, नर्मदा नदी पर पुल न होने के कारण जो समस्या पैदा हो रही थी, उसका भी समाधान होगा, जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में सहूलियत होगी।
5.परियोजना का भविष्य
रोपवे के निर्माण से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे ओंकारेश्वर और सिद्धवरकूट जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा को और भी आकर्षक बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही, यह परियोजना राज्य की पर्यटन नीति के तहत धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस रोपवे के निर्माण से न केवल श्रद्धालुओं को बल्कि स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी, और यह मध्यप्रदेश के धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र के विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगा।