मध्यप्रदेश में आबकारी घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए शराब कारोबारियों के 13 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान अधिकारियों ने 7.44 करोड़ रुपए नकद बरामद किए। इसके अलावा बैंक खातों और लॉकरों से भी 71 लाख रुपए जब्त किए गए हैं, जिन्हें फिलहाल फ्रीज कर दिया गया है।
भोपाल, इंदौर और मंदसौर में हुई इस छापेमारी के दौरान ईडी ने कई शराब व्यापारियों से पूछताछ की। जांच में टीम को आबकारी घोटाले से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं, जिनसे और सुराग हाथ लगे हैं। पूछताछ में शराब ठेकेदारों और उनसे जुड़े लोगों को भी शामिल किया गया है।
गौरतलब है कि यह घोटाला 2017 में सामने आया था, जिसमें शराब ठेकेदारों ने फर्जी बैंक चालान बनाकर सरकार को 49.42 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया था। जांच में सामने आया कि 2015 से 2017 के बीच शराब ठेके के लिए केवल 10 हजार रुपए जमा कर असल में 10 लाख की फर्जी रसीदें बनवाई जाती थीं और उनसे शराब की खेप उठाई जाती थी।
चौंकाने वाली बात यह रही कि इन फर्जीवाड़ों की जांच करने के लिए 15 दिन का समय तय था, लेकिन अधिकारियों ने 3 साल तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस लापरवाही में तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त सहित कुछ अधिकारियों को निलंबित किया गया, लेकिन उन्हें अब तक आरोपी नहीं बनाया गया है।
