राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, इंदौर के कीट वैज्ञानिकों ने मध्यप्रदेश के दमोह जिले में देश की अब तक की सबसे छोटी चींटी की खोज की है। यह हल्के पीले रंग की अत्यंत सूक्ष्म चींटी मात्र 0.5 मिमी लंबी है, और इसका वैज्ञानिक नाम “Agralomyrmex Damoh Ant” रखा गया है। इसे भारत में पहली बार दर्ज किया गया है।
वैज्ञानिकों की टीम ने इस खोज के लिए तीन वर्षों तक 13 से अधिक जिलों में शोध किया। अत्यधिक सूक्ष्म आकार के कारण इस चींटी का अध्ययन चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन इसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR), नई दिल्ली को भी भेजा गया है।
इंदौर में भी खास चींटी मिली: इंदौर में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की ‘चापड़ा चींटी’ भी देखी गई है। इसे “Weaver Ant” कहा जाता है, जो आम के पेड़ों पर लार्वा से पत्तियां जोड़कर घोंसले बनाती है। इसमें सामान्य चींटियों से ज्यादा एसिड होता है और यह मधुमक्खी के डंक जैसा दर्द देती है।
रोचक तथ्य:
- दुनिया में अब तक करीब 15,000 चींटी की प्रजातियां खोजी जा चुकी हैं।
- भारत में लगभग 900 प्रजातियां मौजूद हैं।
- मध्यप्रदेश में अब तक 40 प्रजातियां दर्ज थीं, जो अब 70 तक पहुंच चुकी हैं।
- इंदौर में ही 30 प्रजातियां पाई जाती हैं।
पर्यावरण में भूमिका: चींटियां मृत जीवों को खाकर जैविक संतुलन बनाती हैं, फसलों के कीटों को नियंत्रित करती हैं और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारती हैं।
अन्य नई खोजें: सतपुड़ा क्षेत्र में दो अन्य नई प्रजातियां मिली हैं – Lepisiota wilsoli ant और Lepisiota satpura ant, जिसमें से दूसरी को भारत की सबसे बड़ी रंगीन चींटी माना जा रहा है।
