ग्वालियर के ऐतिहासिक जय विलास महल में रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के साथ महल का दौरा किया। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। उपराष्ट्रपति ने महल के अद्भुत इतिहास, कला और सांस्कृतिक धरोहर को बड़े ध्यान से देखा।
भोजन और सांस्कृतिक चर्चा
महल दौरे से पहले, उपराष्ट्रपति और उनके परिवार ने सिंधिया परिवार के साथ सादे और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया। इस भोज में विशेष रूप से नेपाली और मराठी व्यंजन परोसे गए, जिनमें नेपाली आलू, बड़ौदा पुलाव, सोल कड़ी, कुरकुरी भिंडी, लौकी कोफ्ता कड़ी और श्रीखंड शामिल थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने महल के इतिहास और संस्कृति पर चर्चा की।
महल का अवलोकन और विजिटर बुक में संदेश
भोजन के बाद, उपराष्ट्रपति और उनके साथियों ने महल के विभिन्न हिस्सों और दरबार हॉल का दौरा किया। इस महल का निर्माण 1874 में सिंधिया परिवार द्वारा कराया गया था, जो भारतीय और यूरोपीय वास्तुकला का अद्भुत मिश्रण है। दौरे के बाद, उपराष्ट्रपति ने महल की विजिटर बुक में एक प्रेरणादायक संदेश लिखा, जिसमें उन्होंने भारतीय सभ्यता की समृद्धि और संस्कृति की गहरी प्रतिबद्धता को सराहा। उन्होंने इसे एक अनमोल धरोहर बताया, जो इतिहास के परिप्रेक्ष्य को प्रेरित करती है।
वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्यपाल मंगुभाई पटेल और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित थे। सभी ने उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी का स्वागत किया और महल की सांस्कृतिक धरोहर पर चर्चा की।
संस्कृति और विरासत का सम्मान
इस दौरे ने भारतीय संस्कृति और विरासत की गहराई को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया। उपराष्ट्रपति ने महल की भव्यता और इसमें संजोई गई सांस्कृतिक धरोहर की सराहना की और भारत की समृद्ध सभ्यता को संरक्षित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।