उज्जैन स्थित विश्वविख्यात महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों का असीम प्रेम और श्रद्धा एक बार फिर देखने को मिली है। इस साल भक्तों ने बाबा महाकाल को 165.82 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ाया है। हालांकि यह राशि पिछले वर्ष 2023 की तुलना में 18.16 करोड़ रुपये कम है। चढ़ावे में आई इस कमी का मुख्य कारण मंदिर के गर्भगृह का बंद होना बताया जा रहा है, जिससे भक्त सीधे गर्भगृह में दान देने से वंचित रह गए।
श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि
महाकाल लोक के निर्माण के बाद से महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इस वर्ष मंदिर में 6.57 करोड़ से अधिक भक्तों ने दर्शन किए, जबकि पिछले साल यह संख्या 5.28 करोड़ थी।
चढ़ावे में सोना-चांदी का योगदान
भक्तों ने इस साल महाकाल मंदिर को न केवल नकद राशि, बल्कि 399 किलो चांदी (मूल्य 2.42 करोड़ रुपये) और 1.55 किलो सोना (मूल्य 95.29 लाख रुपये) भी भेंट किया। गर्भगृह में दर्शन और विशेष शीघ्र दर्शन के माध्यम से भी मंदिर को उल्लेखनीय आय हुई है। शीघ्र दर्शन से इस बार 48.99 करोड़ रुपये की आय हुई, जो पिछले साल के 43.90 करोड़ रुपये से अधिक है।
दान का उपयोग विकास में
उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि भक्तों द्वारा दान की गई यह राशि मंदिर विकास और सुविधाओं के विस्तार पर खर्च की जाएगी। पिछले चार वर्षों में मंदिर के चढ़ावे में आठ गुना वृद्धि दर्ज की गई है, जो बाबा महाकाल के प्रति भक्तों की असीम भक्ति का प्रमाण है।साल-दर-साल बढ़ते श्रद्धालुओं और चढ़ावे के साथ महाकालेश्वर मंदिर श्रद्धा और समर्पण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। बाबा महाकाल के दर्शनों के लिए देश-विदेश से भक्त उमड़ रहे हैं, जो उज्जैन को और भी खास बना रहा है।