होलकर साइंस कॉलेज में सोमवार को होली समारोह को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया। होली इवेंट की अनुमति न मिलने से नाराज़ छात्रों ने 150 प्रोफेसरों को बंधक बना लिया, जिससे पूरे कॉलेज में हड़कंप मच गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए मामला तत्काल कलेक्टर आशीष सिंह के पास पहुंचा। कलेक्टर के निर्देश पर मंगलवार को प्रशासन की टीम ने छह घंटे तक जांच की। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और छात्रों व प्रोफेसरों के बयान दर्ज किए गए।
क्या है पूरा मामला?
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्रों ने कॉलेज परिसर में 7 मार्च को होली सेलिब्रेशन, रेन डांस और डीजे के लिए अनुमति मांगी थी। कॉलेज प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके बावजूद छात्रों ने परिसर में पोस्टर लगा दिए। जब प्रशासन ने पोस्टर हटवाए, तो छात्र भड़क उठे और विरोध करते हुए प्रोफेसरों को बंधक बना लिया।
प्रोफेसरों का विरोध, काली पट्टी बांधकर पढ़ाने का ऐलान
घटना से नाराज प्रोफेसरों ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों पर कार्रवाई होने तक काली पट्टी बांधकर पढ़ाने का निर्णय लिया है। शिक्षक संघ की बैठक में यह फैसला लिया गया जिसमें संघ अध्यक्ष डॉ. अंगूरबाला बाफना, सचिव डॉ. शालीग्राम वर्मा और उपाध्यक्ष डॉ. विवेक रेच समेत अन्य फैकल्टी सदस्य मौजूद थे।
जांच में क्या हुआ खुलासा?
जांच की जिम्मेदारी एडीएम व अतिरिक्त संचालक राजेंद्र रघुवंशी को सौंपी गई। आरोपी छात्रों आलेख द्विवेदी, पीयूष, सना दीक्षित और सचिन राजपूत से पूछताछ की गई। सीसीटीवी फुटेज में पूरी घटना की पुष्टि हुई। अधिकारियों ने बताया कि जांच रिपोर्ट तैयार कर उच्च शिक्षा विभाग और कलेक्टर को सौंपी जाएगी।
छात्रों पर गंभीर आरोप: 150 रुपये में बेचे जा रहे थे पास
सूत्रों के अनुसार, यह इवेंट शर्मा कोचिंग के सहयोग से आयोजित होने वाला था, जिसकी जिम्मेदारी कुछ छात्र नेताओं के पास थी। इस कार्यक्रम के लिए 150 रुपये की एंट्री फीस तय की गई थी और कॉलेज परिसर के बाहर पास बेचे जा रहे थे।
कलेक्टर का सख्त रुख: दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए हैं। दोषी छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।होलकर साइंस कॉलेज की यह घटना न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अनुशासनहीनता और दबाव की राजनीति को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन की तत्परता और कड़ी कार्रवाई छात्रों और कॉलेज प्रशासन दोनों के लिए एक कड़ा संदेश है।
