इंदौर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की तैयारी पूरी हो गई है, लेकिन दिसंबर में निर्धारित सर्वे टीम का दौरा नहीं हो पाया। नगर निगम ने सर्वे के लिए सभी जरूरी तैयारियाँ की थीं, जैसे सड़कों की सफाई, नालों की सफाई, और दीवारों पर पेंटिंग, लेकिन टीम का आगमन दिल्ली से नहीं हो सका। अब संभावना जताई जा रही है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीम जनवरी के दूसरे सप्ताह तक इंदौर पहुंच सकती है।
इंदौर, जो सात बार लगातार स्वच्छता में नंबर वन रहा है, अब सूरत और नवी मुंबई से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है। पिछले वर्ष सूरत और इंदौर ने मिलकर स्वच्छता का पहला पुरस्कार साझा किया था।
निगमायुक्त शिवम वर्मा ने सोमवार रात शहर की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया और जब वार्ड 46 में सफाई संतोषजनक नहीं पाई गई, तो सफाई दरोगा विजय नरवले को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही जोन दस के सहायक सीएसआई संजय वेद का तीन दिन का वेतन काटने के निर्देश भी दिए गए।
सर्वे के लिए और सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए निगम द्वारा किए गए कुछ महत्वपूर्ण कार्य:
- शहर की सड़कों की रात में मशीनों से सफाई की जा रही है, ताकि सुबह शहर साफ दिखाई दे।
- 20 से ज्यादा नालों की सफाई की गई, और कुछ हिस्सों में ट्रेंच खोदकर पानी को सुखाया गया।
- गलियों की बेकलेन को साफ किया गया और मलबे को ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजा गया।
- डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की संख्या बढ़ाई गई, ताकि सुबह तक कचरा ट्रांसफर स्टेशनों तक पहुंच सके।
इंदौर नगर निगम अब सफाई की स्थिति में और सुधार लाने के लिए सक्रिय है, ताकि स्वच्छता सर्वेक्षण में एक बार फिर अव्वल स्थान पाया जा सके।