इंदौर में साइबर अपराधियों का नया तरीका सामने आया है, जहां वे डेटिंग और चैटिंग एप्स का इस्तेमाल कर महिलाओं की आवाज में बात करके लोगों को ठगते हैं। इस धोखाधड़ी में छात्र, व्यापारी और निजी कंपनी के कर्मचारी भी शिकार हुए हैं। ठग वॉयस चेंजर और फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल्स के जरिए लोगों को विश्वास में लाकर उन्हें पैसे ऐंठते हैं।
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि पिछले वर्ष 158 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिसमें 13 लाख रुपये की ठगी हुई है। ठग पीड़ितों से पहले चैटिंग करते हैं, फिर एक फर्जी मेडिकल इमरजेंसी या अन्य आरोप लगाकर उन्हें पैसों के लिए मजबूर करते हैं। इसके बाद, वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है। पुलिस ने 37 प्रतिशत राशि की वसूली की है और लोगों से सोशल मीडिया पर अनजान संपर्कों से सतर्क रहने की अपील की है।