इंदौर में साइबर ठगी का नया रिकॉर्ड: 84 वर्षीय प्रोफेसर से लगभग 2 करोड़ का निवेश चूना

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इंदौर के एक प्रतिष्ठित 84 वर्षीय प्रोफेसर को साइबर ठगों ने शेयर बाजार में निवेश के प्रलोभन से झांसा देकर लगभग 1 करोड़ 70 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया। ठगों ने प्रोफेसर से नौ अलग-अलग खातों में दस बार धन हस्तांतरित करने के लिए प्रेरित किया, जबकि बैंक और पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई चेतावनियाँ नजरअंदाज कर दी गईं।

घटना की शुरुआत:
मंगलवार को, जब प्रोफेसर 36 लाख रुपये निकालने के लिए बैंक पहुँचे, तो बैंक मैनेजर ने संदेह जताते हुए उन्हें आगाह किया। परन्तु प्रोफेसर ने चेतावनी की अनदेखी करते हुए लेन-देन जारी रखा, जिसके बाद बैंक मैनेजर ने तुरंत क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी को सूचना दे दी।

ठगी की चाल:
कुछ दिन पूर्व, प्रोफेसर के मोबाइल पर एक अंजान व्यक्ति ने “आर्यन आनंद” के नाम से कॉल करके खुद को ट्रेडिंग कंपनी का एडवाइजर पेश किया। इस व्यक्ति ने उन्हें एक वाट्सएप ग्रुप में शामिल किया, जहाँ सदस्य निवेश की स्लिप्स और मुनाफे के स्क्रीनशॉट साझा करते थे। विश्वास में लेकर, प्रोफेसर ने दिए गए लिंक (stock.mscl-vip.top) के माध्यम से एक एप्लिकेशन इंस्टॉल कराया और बार-बार निवेश करते रहे। शुरुआती लेन-देन पर कुछ लाभ दिलाने के बाद, ठगों ने अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया।

पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच:
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ठगों द्वारा उपयोग किए गए बैंक खाते विभिन्न राज्यों से हैं। तुरंत ही इन खातों को फ्रीज करवा दिया गया है और ठगों तक पहुंचने के लिए विस्तृत जांच जारी है। प्रोफेसर, जिन्होंने पहले महाराष्ट्र के भंडारा स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री के स्कूल में प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया था और बाद में इंदौर के कोठारी कालेज में प्रोफेसर रहे, ने बुधवार को ठगी की शिकायत पुलिस हेल्पलाइन पर दर्ज कराई।

अन्य मामलों से तुलना:
इंदौर में यह मामला अकेला नहीं है। हाल ही में एक डॉक्टर को ऑनलाइन ट्रेडिंग एप ‘वेबुल’ के माध्यम से 3 करोड़ 8 लाख रुपये और एक होटल कारोबारी से 4 करोड़ 85 लाख रुपये की ठगी के मामले सामने आए हैं, जिससे साइबर ठगी की समस्या और भी व्यापक हो गई है।यह घटना वरिष्ठ नागरिकों के वित्तीय लेन-देन में सतर्कता बरतने की आवश्यकता को दर्शाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक और पुलिस द्वारा दी गई चेतावनियों को गंभीरता से लेना चाहिए और किसी भी अनजान स्रोत से निवेश संबंधी सलाह पर तुरंत कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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