इंदौर जिले में इस साल मकर संक्रांति, रंगपंचमी, अहिल्या उत्सव और दशहरे के दूसरे दिन सरकारी अवकाश की घोषणा की गई है। कलेक्टर आशीष सिंह ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पूरे जिले में अवकाश का आदेश जारी किया है। इसके अलावा, 19 मार्च को रंगपंचमी, 22 अगस्त को अहिल्या उत्सव पर आधे दिन का अवकाश और 3 अक्टूबर को दशहरे के दूसरे दिन भी छुट्टी घोषित की गई है। इन छुट्टियों से स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों और सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है, जिससे त्योहारों का उत्साह और भी बढ़ गया है।
लोहड़ी पर्व का भव्य उत्सव इंदौर में
इंदौर में अब लोहड़ी पर्व भी धूमधाम से मनाया जाने लगा है, और इसकी रंगत अब पंजाबी संस्कृति से जुड़कर और भी भव्य हो गई है। पहले यह पर्व घरों और आंगन में मनाया जाता था, लेकिन अब इसे होटलों और रिसॉर्ट्स में भी बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा है। इसके लिए इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को हायर किया जाता है, पंजाबी कलाकारों का परफॉर्मेंस होता है और मेहमानों को तोहफे भी दिए जाते हैं। इस उत्सव के दौरान लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, और इसकी खुशी कई दिनों तक मनाई जाती है।
शादी के बाद की पहली लोहड़ी
लोहड़ी पर्व खासकर विवाह और बच्चे के जन्म के बाद भव्य रूप से मनाई जाती है। इस दौरान पारंपरिक पंजाबी थीम के साथ आकर्षक सजावट की जाती है और पंजाबी व्यंजनों का आनंद लिया जाता है। परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ यह पर्व उल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसमें आधुनिकता और परंपरा का मिश्रण देखा जाता है।
लोहड़ी का बढ़ता उत्साह
हरमीत सिंह बग्गा, एक इंदौर निवासी, बताते हैं कि पहले लोहड़ी मनाने का तरीका साधारण था, लेकिन अब सोशल मीडिया के प्रभाव से इसका रूप और भी भव्य हो गया है। मुख्य पर्व 13 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इसका उत्सव कई दिनों तक चलता है। अब लोहड़ी मनाने के लिए कई समूह बन गए हैं, और विभिन्न दिन अलग-अलग जगहों पर इस पर्व का जश्न मनाया जा रहा है।