इंदौर में पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर की जागरूकता मुहिम

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

इंदौर में फसल अवशेष और खुले में कचरा जलाने के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे वायु प्रदूषण के स्तर में उछाल आया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सेटेलाइट डेटा के जरिए 186 स्थानों पर पराली और कचरा जलाने की पुष्टि की है।

कलेक्टर आशीष सिंह ने इस समस्या से निपटने के लिए “प्रचार रथ” अभियान की शुरुआत की है। यह रथ जिले के सभी विकासखंडों में भ्रमण करेगा और ग्राम पंचायतों में किसानों को पराली के सुरक्षित निपटान—जैसे भूसा उत्पादन या जैविक खाद बनाने—के तरीकों से अवगत कराएगा।

मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हर जिले में पराली जलाने के “हॉटस्पॉट” चिन्हित कर कलेक्टरों को भेजे हैं। सबसे अधिक 292 स्थान होशंगाबाद में, इसके बाद छिंदवाड़ा, सागर, उज्जैन और सिहोर में हैं। इंदौर में 186 स्थानों पर अवशेष जलाने की घटनाएँ मिली हैं।

प्रमुख सचिव पर्यावरण ने सभी कलेक्टरों को प्रतिदिन आगजनी की रिपोर्ट प्रस्तुत करने और उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। 16 अप्रैल तक प्रत्येक कृषि अधिकारी, पटवारी और पंचायत सचिव किसानों से संवाद करेंगे और नोटिफिकेशन के उल्लंघन पर पर्यावरण दंड भी लगाए जाने की चेतावनी दी गई है।

Soniya upadhyay
Author: Soniya upadhyay

Leave a Comment

और पढ़ें