इंदौर में आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को सशक्त बनाने की दिशा में नगर निगम ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में आयोजित विशेष बैठक में निर्णय लिया गया कि शहर के हर वार्ड में कम से कम 10 वालंटियर्स की सूची तैयार की जाएगी, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में नागरिकों की मदद कर सकें।
बैठक के दौरान महापौर ने भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि जिस प्रकार हमारी सेना सीमाओं पर सतर्क है, उसी तरह शहरवासियों को भी आंतरिक सुरक्षा के लिए सजग रहना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि नागरिकों को आपात स्थिति में सहयोगी और सतर्क बनाना समय की आवश्यकता है।
महापौर ने बताया कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सिविल डिफेंस के तहत शहर के नागरिकों को आपदा के समय सुरक्षित रहने, सहायता करने और भ्रामक सूचनाओं से बचने के लिए जागरूक किया जाएगा। इस संबंध में होटल व्यवसायियों और अस्पताल संचालकों के साथ पहले ही बैठकें की जा चुकी हैं। आने वाले दिनों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी जिसमें अलर्ट सिस्टम, सायरन लोकेशन और प्रतिक्रिया प्रक्रिया का अभ्यास कराया जाएगा।
बैठक में सूचना प्रबंधन और सोशल मीडिया निगरानी पर भी विचार किया गया। महापौर ने पार्षदों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने वार्ड में ऐसे स्वयंसेवकों की सूची बनाएं जो संकट की घड़ी में तत्परता से कार्य करें। इसके अलावा सोशल मीडिया पर गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने की बात भी कही गई।
बैठक में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा और सभी पार्षदों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। पार्षदों ने महापौर की पहल का समर्थन करते हुए इसे शहर की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया। बैठक के अंत में यह साझा संकल्प लिया गया कि इंदौर की जनता की सुरक्षा और सेवा के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
