इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) जल्द ही अहिल्या पथ की 75 मीटर चौड़ी सड़क के दूसरी ओर भी योजना विकसित करने जा रहा है। पहले केवल एक ओर शामिल किए गए टीपीएस (टाउन प्लानिंग स्टेटमेंट) अब सड़क के दोनों किनारों पर लागू किए जा सकते हैं।
पहले चरण में अहिल्या पथ योजना का मसौदा राज्य शासन को प्रस्तुत किया गया था, लेकिन उसमें कुछ आपत्तियाँ उठने पर इसे वापस लौटा दिया गया। अब पुनरीक्षण के निर्देश मिलने के बाद आईडीए ने नई रूपरेखा तैयार की है, जिसमें रिजलाय से रेवती गांव तक फैले 15 किलोमीटर के मार्ग पर दोनों तरफ जमीन को शामिल किया जाएगा।
चूँकि दूसरी ओर अधिकांश भूमि वर्तमान में कृषि प्रयोजन की है, इसलिए आईडीए मास्टर प्लान में इसका लैंड यूज बदलने का प्रस्ताव मध्य प्रदेश नगरीय एवं आवास विभाग (टीएनसीपी) को भेज सकता है। इससे उक्त क्षेत्र की जमीन योजना में आसानी से सम्मिलित हो सकेगी।
आईडीए संचालक मंडल बुधवार को इस संशोधित प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाएगा। अधिकारी बताते हैं कि शासन ने चार अप्रैल को मसौदे पर पुनरावलोकन के निर्देश दिए थे, जिसे अब नए सिरे से तैयार कर पुनः भेजा जाएगा।
पीथमपुर कॉरिडोर में सहमति अभियान: पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए एमपीआईडीसी द्वारा संचालित भूमि अधिग्रहण में मंगलवार को आयोजित सार्वजनिक सुनवाई में करीब 200 भूमि स्वामियों ने आपत्तियाँ दर्ज कराईं। अधिकारियों ने मुआवजा नीति समझाने के बाद अधिकांश किसान तैयार हो गए। सिंदौड़ा गांव से 25 बीघा और नैनोद गांव से 5 बीघा भूमि के लिए सहमति पत्र प्राप्त हुए। एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ के अनुसार अब तक लगभग 150 बीघा भूमि स्वीकृति के साथ अधिग्रहित की जा चुकी है।
