इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना अब अपनी वास्तविकता की ओर तेजी से बढ़ रही है। इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के तीन जिलों में 77 गांवों से रेल मार्ग गुजरेगा, और इस सिलसिले में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
रेल मंत्रालय ने 14 जनवरी को महू तहसील के 18 गांवों की भूमि अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें खेड़ी, चैनपुरा, कमदपुर, खुदालपुरा, अहिल्यापुर, और जामली जैसे गांव शामिल हैं। इसके साथ ही रेलवे के अधिकारी इस भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए तत्पर हैं।
यह परियोजना आदिवासी क्षेत्रों से पहली बार रेल लाइन को गुजारने का अवसर प्रदान करेगी, जिससे धार, खरगोन और बड़वानी जिले के लगभग 1000 गांव और 30 लाख लोग सीधे रेल सेवा से जुड़ेंगे। इस रेल लाइन के निर्माण से इंदौर और मुंबई के बीच की दूरी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी, जिससे यात्रा समय में भी कमी आएगी।परियोजना के पूर्ण होने पर, 16 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलेंगी, जो हर साल रेलवे को 900 करोड़ रुपये का राजस्व प्रदान करेंगी। इसके साथ ही प्रारंभिक वर्षों में लगभग 50 लाख यात्री इस मार्ग का लाभ उठाएंगे।
यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय परिवहन को बेहतर बनाएगी, बल्कि मध्य प्रदेश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।