इंदौर -बेटे के भाषण पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने दी सफाई

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इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के बेटे संघमित्र भार्गव का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे खुले मंच से मोदी सरकार की नीतियों और कामकाज पर सवाल उठाते दिखाई दे रहे हैं। खास बात यह रही कि जिस मंच से संघमित्र ने अपनी बात रखी, वहीं पर मुख्यमंत्री मोहन यादव, कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद शंकर केसवानी और खुद महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी मौजूद थे।

### संघमित्र का भाषण

संघमित्र ने अपने भाषण में रेलवे की उपलब्धियों पर सवाल खड़े किए और अधूरी योजनाओं को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि आज भी ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट रहती है, जिससे लाखों यात्री टिकट होने के बावजूद सफर नहीं कर पाते।
बुलेट ट्रेन योजना पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा – *“2022 तक अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन चलाने का वादा किया गया था, लेकिन 2025 आने को है और ट्रेन अभी भी केवल पावरपॉइंट की स्लाइड तक सीमित है।”* उन्होंने यह भी जोड़ा कि जमीन अधिग्रहण पर करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन परिणाम शून्य है।
रेल हादसों पर बोलते हुए संघमित्र ने कहा कि पिछले 10 सालों में 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। *“जब ट्रेन पटरी से उतरती है तो केवल डिब्बे नहीं टूटते, बल्कि कई परिवारों की जिंदगी उजड़ जाती है।”*

### महापौर का जवाब

वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव पर निशाना साधा और सवाल उठाए। इसके जवाब में महापौर ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम शैक्षणिक था, जिसमें वाद-विवाद प्रतियोगिता और मॉक पार्लियामेंट जैसी गतिविधियां होती हैं। छात्र इनमें खुलकर अपने विचार रखते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा – *“कांग्रेस खेल में राजनीति करती है और राजनीति को खेल समझती है, इसलिए उसका निर्माण नहीं बल्कि विसर्जन हो रहा है।”*
महापौर ने साफ कहा कि उनके बेटे के बयान को राजनीति से जोड़ना गलत है और कांग्रेस सिर्फ भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है।

मंच पर नेताओं की प्रतिक्रिया

संघमित्र का भाषण सुनकर मंच पर बैठे बीजेपी नेता जरूर असहज नजर आए, लेकिन मुस्कुराते हुए पूरी बात सुनी। वहीं, सभागार में मौजूद लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से भाषण का स्वागत किया।

यानी एक शैक्षणिक कार्यक्रम में दिया गया भाषण अब राजनीतिक चर्चा का बड़ विषय बन गया है

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