इंदौर पुलिस के गैरजिम्मेदाराना रवैये का एक और उदाहरण सामने आया है, जिसमें 76 वर्षीय बुजुर्ग राजेंद्र महाजन ने 85 बार आवेदन देने के बावजूद अपनी चोरी की रिपोर्ट नहीं लिखवायी। महाजन, जो इंडो किड्स स्कूल चलाते हैं, ने पिछले साल 20 दिसंबर को शिकायत की थी कि उनके पूर्व कर्मचारी कमलेश गुर्जर ने स्कूल में घुसकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों से भरा बैग चुरा लिया। हालांकि, पुलिस ने ना तो रिपोर्ट लिखी और ना ही घटना स्थल का मुआयना किया, जबकि महाजन ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी दिए थे।एक साल बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। महाजन ने बार-बार थाने और अधिकारियों के पास आवेदन दिए, लेकिन पुलिस ने उनका कोई ध्यान नहीं दिया। इस दौरान दो टीआई और दो पुलिस कमिश्नर भी बदल गए। हाल ही में, जब बुजुर्ग ने फिर से जनसुनवाई में अपना दुख सुनाया, तो पुलिस कमिश्नर ने मामले की जांच के लिए एसीपी को सात दिन का समय दिया।
यह मामला इंदौर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, जहां एक बुजुर्ग को अपनी शिकायत के लिए बार-बार थाने के चक्कर लगाने पर मजबूर किया गया, जबकि सरकारें स्मार्ट पुलिसिंग और त्वरित सहायता के दावे करती हैं।