“इंदौर के 193 साल पुराने गोपाल मंदिर में शादी का आयोजन: पवित्र स्थल के उपयोग पर सवाल”

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

इंदौर के ऐतिहासिक गोपाल मंदिर में एक शादी के आयोजन ने धार्मिक स्थल के पवित्रता को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है। इस 193 साल पुराने मंदिर को प्रशासन ने नियमों की अनदेखी करते हुए शादी के लिए किराए पर दिया। इसके बाद मंदिर के परिसर को मैरिज गार्डन के रूप में इस्तेमाल किया गया, जिससे आस्था के केंद्र की पवित्रता पर सवाल उठे।

यह मंदिर, जिसे होलकर कालीन काल में यशवंतराव होलकर की पत्नी कृष्णाबाई ने 1832 में बनवाया था, हाल ही में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपये खर्च करके संवारा गया था। रविवार को इस मंदिर में विवाह समारोह के दौरान हवन कुंड और मंडप बनाए गए, जबकि मंदिर के गलियारों में सोफे रखे गए थे। इसके साथ ही, मेहमानों के लिए शाही भोज का आयोजन भी हुआ, और मंदिर परिसर को एक पार्टी स्थल में तब्दील कर दिया गया।

इस आयोजन के कारण भक्तों को दर्शन में कठिनाई का सामना करना पड़ा, और मंदिर के मुख्य रास्ते भी भोजन पकाने और टेंट लगाने के कारण बंद कर दिए गए थे। विवाह समारोह के लिए मंदिर की बुकिंग 29 जुलाई को मात्र 25,551 रुपये में की गई थी, जबकि पूरे आयोजन के लिए एक लाख रुपये जमा किए गए थे।

मंदिर प्रशासन ने इस आयोजन की अनुमति लेकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का प्रयास किया, लेकिन बाद में प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा को इस घटना की जांच सौंपी गई है।

Soniya upadhyay
Author: Soniya upadhyay

Leave a Comment

और पढ़ें