
जनता की परेशानी को देखते हुए करेंगे कार्रवाई : सीएमओ चौहान
सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित आदेश में कहा था,- आक्रमित कुत्तों को शहर से बहार निकाले, सड़कों पर खाना खिलाने वाले पर करे कार्रवाई
मनावर, मप्र. : (सिंघम रिपोर्टर) नगर से लेकर देशभर में पालतू और आवारा कुत्तों को लेकर कानूनी मुद्दा छिड़ा हुआ है। यह मुद्दा तब चर्चाओं में आया जब यह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए गया। देशभर में लोग जानवरों को पालते हैं और उन्हीं के बीच आवारा जानवरों का भी जमावड़ा रहता है कुछ जानवर आक्रमित रहते हैं जो आम नागरिक के लिए जानलेवा, घातक है। देश के कई हिस्सों में से प्रतिदिन कई केस कुत्तों के काटने से हॉस्पिटल में आते है। सुप्रीम कोर्ट में जब डॉग लवर्स याचिका लेकर पहुंचे तो शीर्ष अदालत ने भी थोड़ा संशोधित बदलाव किया, लेकिन विवादो के बीच सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है जो पालतू कुत्ते हैं उन्हें नगर निकाय पड़कर टीकाकरण के बाद छोड़ेगी और जो आक्रामक और रैबीज संक्रमित कुत्ते है उन्हें पकड़ने के बाद नहीं छोड़ा जाएगा। यहां तक कि उन्हें डॉग शेल्टर में भी अलग रखा जाएगा। शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि नगरीय निकाय देशभर में तत्काल प्रभाव से प्रत्येक वार्ड में आवारा कुत्तों को भोजन कराने के लिए एक निश्चति स्थान (फीडिंग प्वाइंट) बनाएंगी। कोई भी संस्था या व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में कुत्तों को सड़क पर खाना नहीं खिलाएगा और जो व्यक्ति इस निर्देश का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्यवाही होगी।

धार जिले के मनावर में भी कुत्तों की बढ़ती संख्या से लोग चिंतित है यहां नगर के अलग-अलग वार्डों में कुत्तों के झुंड दिखाई देना आम हो गया है कई जगह पर आक्रामक कुत्ते रास्ता रोक कर भी खड़े रहते हैं महिलाओं और बच्चों का गुजरना मुश्किल हो गया है, कई बच्चों ने तो कुत्तों के काटने के डर से रास्ता बदलकर जाने को मजबूर हैं। अब यह कुत्ते बाजारों में भी झुंड बनाकर दिखाई देने लगे हैं। नगर पालिका की टीम समय-समय पर सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम करती है और उन्हें शहर से बाहर छोड़ देती है। लेकिन यह कुत्ते लौट कर दोबारा शहर में आ जाते हैं, फिर वो चाहे बस स्टेशन के चारों ओर, मेन बाजार, धार रोड, आजाद मार्ग, मालवीय चौपाटी, खासकर गांधी नगर सहित नगर के कई वार्डो में घूमते ओर आमजन पर आक्रामक होते है। दिन और रात के अंधेरे में यह लोगों अन्य जानवरों पर भी हमला कर देते हैं, पूर्व में भी कुत्तों के काटने के कई केस हो चुके हैं। लोग नगर पालिका अधिकारियों से इन कुत्तों को पकड़कर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का आग्रह कर रहे हैं।
पकड़ने वाली टीम को रोक देते हैं कुछ लोग
कई दफा यह देखने को मिलता है कि जब नगर पालिका का दल आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए सड़कों पर उतरता है तो कई लोग उन्हें मोहल्ले का या निजी कुत्ता बता कर कार्रवाई करने से रोक देते हैं, गांधीनगर कोर्ट परिसर के पीछे मोहल्ले के कुत्ते आये बच्चों को देखकर भोकने और काटने के लिए दौड़ने का काम करते हैं ऐसे कुत्तों को शिकायत होने पर नगर पालिका का दल पकड़ने आता है तो उन्हें कई बार कुछ लोगों द्वारा रोक दिया जाता है जबकि सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश है आमजन की जान को नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों को पड़कर शहर से बाहर किया जाए। अगर नगर पालिका को सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों को पड़कर शहर से बाहर करने के लिए कोई व्यक्ति रोकता है तो उसे कुत्ते का मालिक बनाकर लिखित में लिया जाना चाहिए, ताकि भी व्यक्ति की जान-माल को नुकसान पहुंचाने पर उसके मालिक पर कार्रवाई की जा सके।
नगर पालिका मुख्य अधिकारी ने कहा…
“मनावर नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संतोष चौहान ने बताया कि नगर वासियों की परेशानी को देखते हुए आवारा कुत्तों और पशुओं को शहर से बाहर करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पूर्व में की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि हम शिकायत मिलने या उचित समय पर कार्रवाई करते रहते हैं। आगे भी यह कार्रवाई जारी रखेंगे। फिलहाल जिन क्षेत्रों में कुत्तों की संख्या बड़ी है और आमजन को नुकसान पहुंचा रहे हैं वह चिन्हित करके टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।”
मुख्य मुद्दे और चिंताएँ:
बढ़ती संख्या : मनावर के विभिन्न वार्डों में आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि हुई है।
हिंसक घटनाएँ : आवारा कुत्तों के झुंडों द्वारा पालतू जानवरों पर हमले और राहगीरों, बच्चों तथा दोपहिया वाहन चालकों को काटने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
सार्वजनिक सुरक्षा : कुत्तों की आक्रामकता और बड़े झुंड में घूमने के कारण रात में लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो गया है।
संपत्ति का नुकसान : कुत्तों द्वारा घरों के बाहर खड़े वाहनों की सीटों को कुतरने और नुकसान पहुंचाने के मामले भी सामने आए हैं।
संभावित कारण : कुछ स्थानीय लोगों का मानना है कि नियमित रूप से कुत्तों को खाना खिलाना उनके व्यवहार को और अधिक आक्रामक बना सकता है।
उठाए गए कदम –
कुत्ता पकड़ने के अभियान : नगर पालिका ने शहर की सीमा के भीतर से आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान चलाए हैं।
पुनर्वास की मांग : स्थानीय नागरिक अधिकारियों से इन कुत्तों को पकड़कर सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित करने का आग्रह कर रहे हैं।
सावधानी की सलाह : निवासियों को आगे की घटनाओं को रोकने के लिए, खासकर रात के समय, सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।









