जबलपुर। शहर ने सोमवार रात आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए 12 मिनट तक स्वेच्छा से बिजली बंद रखी। जैसे ही रात 7:30 बजे हूटर बजा, लोगों ने अपने घरों और दुकानों की लाइटें बंद कर दीं। इसके साथ ही उन्होंने मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी स्विच ऑफ कर दिया। वाहनों की हेडलाइटें भी बुझा दी गईं और अधिकतर लोग उन्हें सड़क किनारे रोककर खड़े हो गए।
इस दौरान शहर की बिजली व्यवस्था सामान्य रही, लेकिन जनता की भागीदारी इतनी जबरदस्त थी कि पूरे शहर में अंधेरा छा गया। कई इलाकों में पुलिस ने अस्थायी रूप से ट्रैफिक भी रोक दिया। इस अद्वितीय दृश्य को देखने बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
ब्लैकआउट के बीच एक मॉक ड्रिल के तहत एक पुलिस थाने पर आतंकवादी हमले का दृश्य रचा गया। नकली आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग और बम धमाकों के ज़रिए थाने पर हमला किया, जिसका जवाब पुलिस जवानों ने तुरंत और साहसिक रूप से दिया। पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने जानकारी दी कि यह ड्रिल सुरक्षा बलों की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को परखने के लिए आयोजित की गई थी, ताकि किसी वास्तविक हमले की स्थिति में पुलिस तैयार रहे।
