अयोध्या में राम मंदिर का दूसरा प्राण प्रतिष्ठा समारोह आज, 3 जून 2025 से आरंभ हो गया है, जो 5 जून तक चलेगा। इस बार भगवान श्रीराम को राजा राम के रूप में स्थापित किया जा रहा है। राम मंदिर के प्रथम तल पर राजा राम दरबार की स्थापना की जाएगी, जिसमें भगवान राम के साथ माता सीता, अनुज लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भक्त हनुमान भी विराजमान होंगे।समारोह के दौरान परकोटा में स्थित छह पूरक मंदिरों—शिवलिंग, गणपति, हनुमान, सूर्य, भगवती, अन्नपूर्णा तथा शेषावतार मंदिर—में भी देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह आयोजन सुबह 6:30 बजे से शुरू हुआ और पूरे परिसर को आकर्षक रोशनी व सजावट से भव्य रूप दिया गया है। सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
22 जनवरी 2024 को हुए पहले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भगवान राम को बाल स्वरूप में स्थापित किया गया था। अब लगभग 16 महीने बाद उन्हें राजा स्वरूप में प्रतिष्ठित किया जा रहा है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त अयोध्या के आचार्यों—पं. प्रदीप शर्मा, राकेश तिवारी व रघुनाथ दास शास्त्री—द्वारा निकाला गया है। 5 जून को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सुबह 11:25 से 11:40 के बीच अभिजीत मुहूर्त में राजा राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा की जाएगी।
चंदौली के विद्वान पं. जयप्रकाश तिवारी 101 वैदिक आचार्यों के साथ सभी मंदिरों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। इस बार भी मुख्य यजमान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र होंगे, जिन्हें यह सौभाग्य दूसरी बार प्राप्त हो रहा है।यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि राम मंदिर निर्माण यात्रा के समापन का संकेत भी है, जिसकी शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के 2019 के ऐतिहासिक फैसले के बाद 5 अगस्त 2020 को हुई थी।
