मध्य प्रदेश सरकार ने दिवाली के मौके पर अतिथि शिक्षकों को विशेष सौगात दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि राज्य के अतिथि शिक्षकों को उनकी तीन महीने से लंबित सैलरी का भुगतान जल्द किया जाएगा। यह फैसला शिक्षकों की आर्थिक समस्याओं को कम करने और उन्हें अपने परिवार के साथ दिवाली का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाने में मदद करेगा।
तीन महीने से अटकी सैलरी होगी रिलीज़
लंबे समय से रुके हुए वेतन की समस्या ने अतिथि शिक्षकों को कई मुश्किलों में डाला था। अब सरकार ने 28 अक्टूबर तक उनकी सैलरी जारी करने का निर्णय लिया है। इससे लगभग 211 करोड़ रुपये के मानदेय का भुगतान किया जाएगा। यह कदम शिक्षकों को आर्थिक राहत प्रदान करेगा और उन्हें वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में सहायता करेगा।
शिक्षकों के लिए बेहतर स्थिति का संकेत
सरकार के इस निर्णय से न केवल शिक्षकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इस तरह के और कदम उठाए जाएंगे, ताकि शिक्षकों को समय पर उनका अधिकार मिल सके।
पिछली घोषणाओं पर अधूरे वादे और आंदोलनों का उल्लेख
अतिथि शिक्षक लंबे समय से स्थायी नियुक्ति और प्रमोशन की मांग कर रहे हैं। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रेगुलराइजेशन के वादे अब तक पूरे नहीं हुए। अपनी मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक कई बार आंदोलन कर चुके हैं। हाल ही में 2 अक्टूबर को भोपाल में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ, जहां शिक्षकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी आवाज़ उठाई।
आर्थिक राहत के साथ त्योहार की खुशी
यह निर्णय राज्य के अतिथि शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत है। दिवाली से ठीक पहले सैलरी मिलने की यह खबर शिक्षकों को आर्थिक संकट से उबारने और परिवार के साथ त्योहार की खुशियां साझा करने का मौका देगी। सरकार का यह कदम सराहनीय है, और इसे अन्य क्षेत्रों में भी एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
यह दिवाली शिक्षकों के लिए वाकई खास होने वाली है। सरकार का यह निर्णय उनपर विश्वास बहाल करने और उनकी मेहनत का सम्मान करने की दिशा में एक कदम है। उम्मीद है, इसी तरह के सराहनीय फैसलों से शिक्षकों को भविष्य में और भी समर्थन मिलेगा।