मध्य प्रदेश बोर्ड ने आगामी शिक्षा सत्र से नौवीं और दसवीं कक्षा में अंग्रेजी विषय के लिए दो विकल्प लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, छात्र अंग्रेजी को सामान्य या विशिष्ट विषय के रूप में चुन सकते हैं। यह बदलाव नई शिक्षा नीति के तहत किया जा रहा है।
सरकारी स्कूलों में आने वाले सत्र से अंग्रेजी विषय को दो श्रेणियों में बांटने की योजना बनाई गई है। इस प्रणाली को लागू करने का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाना और छात्रों को बेहतर विकल्प देना है। इस पहल से पहले, गणित विषय में भी सामान्य और विशिष्ट विकल्प लागू किया गया था।
अगर कोई छात्र 11वीं कक्षा में अंग्रेजी को अपनी मुख्य भाषा विषय के रूप में लेना चाहता है, तो उसे 9वीं कक्षा में विशिष्ट अंग्रेजी का चयन करना होगा। अन्यथा, वह सामान्य अंग्रेजी का विकल्प चुनकर परीक्षा दे सकेगा। उत्तर प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में पहले से यह प्रणाली लागू की गई है।
चालू सत्र में लगभग 11 लाख छात्र 9वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से 5.8 लाख ने विशिष्ट गणित और 5 लाख ने सामान्य गणित चुना है। अगले सत्र में इन छात्रों के लिए दो अलग-अलग गणित प्रश्नपत्र होंगे, हालांकि पाठ्यक्रम में अभी तक कोई स्पष्ट विभाजन नहीं किया गया है, जिससे शिक्षकों में कुछ भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
इसके अतिरिक्त, बोर्ड द्वारा यह कदम 10वीं कक्षा के परिणामों में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इसके तहत, 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से 9वीं कक्षा और 2026-27 से 10वीं कक्षा में ‘बेस्ट ऑफ फाइव’ प्रणाली को समाप्त करने की योजना बनाई गई है।