भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा अर्पित करना एक अत्यंत शुभ और फलदायक परंपरा मानी जाती है। शास्त्रों और पुराणों में उल्लेख है कि दूर्वा से गणेश जी जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यह न केवल मनोकामनाओं की पूर्ति करता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और विघ्नों से मुक्ति भी दिलाता है।
गणेश जी को दूर्वा अर्पित करने के प्रमुख लाभ:
• सुख और समृद्धि का आगमन: दूर्वा चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रवाह बढ़ता है। • विघ्न-बाधाओं का नाश: यह माना जाता है कि गणेश जी दूर्वा से प्रसन्न होकर जीवन की सभी रुकावटें दूर कर देते हैं। • भगवान की कृपा: दूर्वा से भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है। • पूजा की पवित्रता: दूर्वा को अत्यंत शुद्ध और शुभ माना गया है, जो पूजा को पूर्णता और शुद्धता प्रदान करता है। • मनोकामनाओं की पूर्ति: जो भी भक्त श्रद्धा से दूर्वा अर्पित करता है, उसकी हर इच्छा पूर्ण होती है।
पौराणिक कथा:
पुराणों में वर्णन है कि प्राचीन समय में ‘अनलासुर’ नामक राक्षस से धरती पर आतंक फैला हुआ था। जब भगवान गणेश ने उसे निगल लिया तो उनके पेट में भीषण जलन होने लगी। तब कश्यप ऋषि ने उन्हें दूर्वा अर्पित की, जिससे उन्हें शांति मिली। तभी से गणेश जी की पूजा में दूर्वा अर्पित करने की परंपरा आरंभ हुई।
दूर्वा चढ़ाने की विधि:
गणपति पूजन में 21 दूर्वा की गांठ बनाकर उन्हें भगवान गणेश को चढ़ाना शुभ माना जाता है। ध्यान रखें कि दूर्वा हमेशा विषम संख्या (जैसे 3, 5, 7 आदि) में अर्पित करनी चाहिए।
निष्कर्ष: दूर्वा अर्पण से जुड़ी यह परंपरा न केवल आध्यात्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभकारी है। यह साधक को सकारात्मकता, शांति और सफलता की ओर अग्रसर करती है
